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समाजसेवियों की केंद्र सरकार से मांग - Social workers' demand from the central government

Social workers' demand from the central government

समाजसेवियों की केंद्र सरकार से मांग: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन तत्काल लागू हो, ममता सरकार पर हो न्यायिक जांच

ब्यूरो रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी, आगरा

पश्चिम बंगाल में हालिया दिनों में भड़की हिंसा, सामाजिक तनाव और दलित वर्ग पर हो रहे हमलों को लेकर देश के कई प्रमुख समाजसेवियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है। 

वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना, उपेंद्र सिंह, पंकज जैन, एडवोकेट अरविन्द पुष्कर और चंद्रवीर सिंह फौजदार ने एक सुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि पश्चिम बंगाल सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए और संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।

यह अब केवल राज्य का नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है - पंकज जैन

समाजसेवी पंकज जैन ने स्पष्ट किया कि यह केवल कानून व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमाओं की संवेदनशीलता और जनसंख्या संतुलन से जुड़ा अत्यंत गंभीर विषय है। 

मुर्शिदाबाद, मालदा, 24 परगना और उत्तर दिनाजपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में हिंसा से हजारों दलित हिंदू परिवार विस्थापित हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता से हालात और भी बिगड़ गए हैं।

ममता सरकार में कट्टरपंथी तत्वों को संरक्षण - (एडवोकेट पुष्कर)

एडवोकेट अरविन्द पुष्कर ने आरोप लगाया कि ममता सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों और कट्टरपंथियों को संरक्षण दे रही है। उन्हें पहचान पत्र, ज़मीन, बिजली और सरकारी योजनाएं दी जा रही हैं जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। 

उन्होंने कहा कि दलित हिंदू समाज को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाकर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने वक्फ अधिनियम में संशोधन का समर्थन किया था।

पीड़ितों को न्याय और सुरक्षा चाहिए, न कि आश्वासन - उपेंद्र सिंह

उपेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुका है और गरीब, दलित हिंदू समाज भय के साए में जी रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंसा एक पूर्वनियोजित साजिश है जिससे इस वर्ग को वोट देने से रोका जा सके और राज्य से बेदखल किया जा सके। उन्होंने न्यायिक जांच की मांग करते हुए ममता सरकार पर कठोर कार्रवाई की मांग की।

अब नहीं उठाए गए सख्त कदम तो संकट गहराता जाएगा - चंद्रवीर सिंह

समाजसेवी चंद्रवीर सिंह फौजदार ने केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि समाज को भयमुक्त वातावरण देने का प्रश्न है। 

यदि अब भी सख्ती नहीं दिखाई गई तो यह संकट और भी गहराता जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पलायन कर चुके पीड़ितों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की जाए तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो।

संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू करें - राजेश खुराना

वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 356 का प्रयोग कर ममता बैनर्जी सरकार को बर्खास्त करे। राज्य में हो रही घटनाएं न सिर्फ असंवैधानिक हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों का खुला उल्लंघन भी हैं।

उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह पीड़ित, असहाय और दलित वर्ग को न्याय और सुरक्षा प्रदान करे।

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