योग से ही स्वस्थ भारत का निर्माण: 'One Earth, One Health through Yoga' गूंजा 191 देशों में
(मुख्य ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)
नई दिल्ली/लखनऊ
21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वैश्विक स्तर पर बेहद भव्य और ऐतिहासिक रूप से मनाया गया। इस वर्ष की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for Self and Society) ने संपूर्ण मानवता को एक सूत्र में बांधने का संदेश दिया। भारत की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के हर कोने तक पहुंचाने वाले इस दिवस ने एक बार फिर साबित किया कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक शैली है।
इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (ICCR) के अनुसार, इस बार 191 देशों में 1,300 से अधिक स्थानों पर 2,000 से ज्यादा योग कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में लाखों लोगों ने भाग लिया और भारत के ऋषियों-मुनियों द्वारा प्रदत्त योग विज्ञान का लाभ उठाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि योग एकता का प्रतीक है। यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का माध्यम है। आज योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नियमित योग को अपनाकर न केवल खुद को, बल्कि समाज और राष्ट्र को भी स्वस्थ बनाएं।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि योग करने से हम न केवल बीमारियों से दूर रहते हैं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मबल भी प्राप्त करते हैं। आज उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में लाखों लोगों ने सामूहिक योग कर दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत स्वास्थ्य और संतुलन की भूमि है।
राजधानी दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, भोपाल, कोलकाता से लेकर कश्मीर और केरल तक हजारों स्थानों पर योग शिविरों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी विभागों, सुरक्षाबलों, एनसीसी, एनएसएस, सामाजिक संगठनों और जनसामान्य ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।
आज जब दुनिया जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, तनाव और मानसिक असंतुलन से जूझ रही है, तब योग एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। योग दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि यह प्रेरणा है कि हम हर दिन अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और विश्व शांति में अपना योगदान दें।
संदेश स्पष्ट है: योग अपनाएं, रोग भगाएं और एक बेहतर, संतुलित, और स्वस्थ समाज की ओर बढ़ें।
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