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Maharajganj : Amisha Sharma केस में न्याय की तलाश में भटकती माँ, सिस्टम की कार्यशैली पर उठे सवाल
(न्यूज़ रिपोर्टर अंचल - महराजगंज)
(वक्त का मुद्दा न्यूज़)
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के मधवलिया गांव से 17 मई 2025 को रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हुई 15 वर्षीय नाबालिग किशोरी अमीषा शर्मा का मामला आज भी न्याय के इंतज़ार में है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी युवक विवेक धोबी ने अमीषा को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। हालांकि 27 जून, 2025 को किशोरी की बरामदगी हो गई, लेकिन पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
परिजनों का कहना है कि लड़की को बरामद करने के बाद उस पर दबाव डालकर मनचाहा बयान दिलवाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को कमजोर करने की कोशिश की और आरोपी के खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाई नहीं की गई।
कानून सिर्फ अमीरों के लिए
पीड़िता की मां सीमा देवी की पीड़ा अब सड़कों पर साफ झलकने लगी है। वह न्याय की तलाश में थाना, क्षेत्राधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता कार्यालय से लेकर एसपी ऑफिस वह लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर न्याय की कोई ठोस उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।
मां का सवाल सीधा प्रशासन से
उनका सवाल सीधा है-
क्या गरीबों के लिए इस देश में कोई कानून नहीं बचा? क्या हमारी जैसे देश की बेटियों की कोई इज्जत नहीं है?
सीमा देवी का यह सवाल सिर्फ एक मां का नहीं, बल्कि उस तंत्र पर करारा तमाचा है, जो अपराधियों को ढाल और पीड़ितों को इंतजार देता है।
प्रशासन बना मौन दर्शक
परिवार ने स्थानीय पुलिस के अलावा (CO) और पुलिस अधीक्षक (SP) से भी कई बार गुहार लगाई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली से न सिर्फ परिवार, बल्कि गांव के लोग भी नाराज़ हैं।
इस तरह के मामलों में POCSO एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन न FIR में गंभीर धाराएं जोड़ी गईं और न ही आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई।
वक्त का मुद्दा न्यूज़ की लगातार निगरानी
‘वक्त का मुद्दा न्यूज़’ इस पूरे मामले पर लगातार नज़र बनाए हुए है और पीड़िता के परिवार की हर आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुंचा रहा है। मीडिया का काम सिर्फ खबर दिखाना नहीं, बल्कि कमजोरों की आवाज को बुलंद करना भी है और यही हमारी ज़िम्मेदारी है।
हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस मामले में न हमें प्रशासन का डर है और न ही किसी राजनीतिक प्रभाव का भय। पीड़ित को न्याय दिलाना ही हमारा मकसद है।
न्याय की उम्मीद अब भी ज़िंदा है
पीड़िता की मां सीमा देवी का कहना है कि अगर आज मेरी बेटी को इंसाफ नहीं मिला, तो कल न जाने कितनी बेटियां इसी सिस्टम की लापरवाही में खो जाएंगी। उनका यह बयान सिर्फ एक मां का दर्द नहीं, बल्कि सिस्टम को चेतावनी है अगर अब भी न्याय न मिला, तो लोगों का भरोसा कानून और प्रशासन से उठ जाएगा।
क्या करे सरकार और प्रशासन
- आरोपी विवेक धोबी के खिलाफ POCSO और अन्य सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज हो।
- पीड़िता एवं उसके परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि वे बिना किसी दबाव या भय के न्याय प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।
- बयान पर बने संदेह की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए ताकि समय से न्याय मिल सके।
निष्कर्ष
गोरखपुर से चंद किलोमीटर दूर महराजगंज जैसे जिले में एक नाबालिग बच्ची की बरामदगी के बाद भी अगर न्याय नहीं मिलता, तो यह समाज, कानून और शासन तीनों के लिए शर्म की बात है। ‘वक्त का मुद्दा न्यूज़’ इस खबर को तब तक उजागर करता रहेगा जब तक अमीषा शर्मा और उसकी मां को इंसाफ नहीं मिल जाता।
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